Tag: Prabodh Uniyal
वैदिक कालीन पर्व है होली
फागुन पूर्णिमा को मनाए जाने वाला होली का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम तथा जन सामान्य द्वारा मनाये जाने वाला सबसे...
ललित मोहन रयाल की पुस्तक ‘कारी तू कभी ना हारी’ का...
ललित मोहन रयाल द्वारा लिखित पुस्तक कारी तू कभी ना हारी का विमोचन खदरी खड़कमाफ़ के सामुदायिक भवन में किया गया। लेखक ने यह...
पहाड़ के एक साधारण मनुष्य का एक ईमानदार और निस्पृह जीवन...
उत्तराखंड के ऋषिकेश नगर से नवोदित काव्यांश प्रकाशन से हाल में आयी श्री ललित मोहन रयाल की किताब कारी तु कब्बि ना हारी एक...
वरिष्ठ कवि-पत्रकार प्रबोध उनियाल की कविताएं
1-टंगी है लालटेनअभी भीएक उम्मीद को लिए-
लालटेन मौन हैएक लावा हैजो हथेलियों में सिमट गया
बढ़ेंगे हाथ औरये लालटेनउजालों से भर जायेगीआएंगे सब, लौटकर आएंगेजैसे...
एक आम व्यक्ति की बड़ी जीवन यात्रा,’काsरी तू कब्बि ना हाsरि’
जीवनियां आमतौर पर किसी क्षेत्र विशेष में कामयाब हुए लोगों पर लिखी जाती है। ऐसे लोगों से परिचित होने की वजह से पाठक जीवनी...