उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर टूटी है। राज्य के कई हिस्सों में बारिश ने तबाही मचा दी है। कई जगह सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से गांव का संपर्क शहरों से टूट चुका है। जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेना की मदद ली जा रही। राज्य के कई हिस्सों में इस नई प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 46 हो गई है। कई लोग अभी भी जगह-जगह फंसे हुए है।
उत्तराखंड में आई इस प्राकृतिक आपदा का जायजा लेने के लिए आज गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड पहुंच रहे है। यहा वह बारिश और बाढ़ से हुई तबाही का जायजा लेंगे। इसी के साथ आज शाम को गृह मंत्री उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं अधिकारियों के साथ कई अहम मीटिंग्स करेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल यानि गुरूवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। माना जा रहा हैं कि गृह मंत्री आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के बाद आपदा प्रभावित लोगों और राज्य को हुए नुकसान के लिए बड़ी घोषणा कर सकते है।
आपको बता दें कि पिछले चार दिनों से उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से राज्य के कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। जिसमें 46 लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से फोन पर बात की और राज्य में हो रही भारी बारिश से बचाव की तैयारियों का जानकारी ली थी। उन्होंने राज्य सरकार को भरोसा दिलाया था कि राज्य को जो भी आवश्यकता पड़ेगी,केंद्र सरकार हर संभव मदद को तैयार है।
इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौर किया और मृतक परिजन को 4 लाख रूपये की राहत राशि देने की घोषणा की। इसी के साथ भवन क्षति,पशुधन क्षति आदि पर भी मानकों के अनुरूप सहायता राशि जल्द देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गढ़वाल क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण के बाद जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से जनपद के साथ चारधाम यात्रा की स्थिति की जानकारी ली। कुमांऊ क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण के बाद पंतनगर में जिलाधिकारी,वायुसेना एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत कार्यों के सम्बन्ध में चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार देर सांय नैनीताल जनपद का भी जायजा लिया और सड़क मार्ग से पंतनगर से रूद्रपुर तत्पश्चात हल्द्वानी पहुंचे तथा अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में विचार विमर्श कर अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने तथा पीडितों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।