कोटद्वार के इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट एंड साइंस (आईएचएमएस) संस्थान में प्रथम नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने विभिन्न प्रदेशों से पहुंचे 15 शिक्षकों को “सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार” से सम्मानित किया।
वीरभद्रपुर स्थित आईएचएमएस के कैंपस में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस के दौरान देशभर के कॉलेजों एवं विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं फैकल्टी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। एक दिवसीय इस कॉन्फ्रेंस में “कोविड-19 माहामारी के दौरान उद्योगों एवं शैक्षणिक संस्थानों की चुनौतियां एवं अवसर” विषय पर देशभर से पहुंचे छात्रों एवं शिक्षकों के द्वारा चर्चा की गई।
इस मौके पर हिमाचल प्रदेश,राजस्थान,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,पंजाब, दिल्ली,एनसीआर,असम,महाराष्ट्र एवं अन्य प्रदेशों से पहुंचे कई शिक्षकों में से 15 शिक्षकों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस से उपजी महामारी कोविड-19 से आर्थिक एवं शिक्षा के क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनौतियों को अवसर में तब्दील करने का हुनर भी देश के लोगों ने सीख लिया। एजूकेशन,बैकिंग,उद्योग,खेल, व्यापार,चिकित्सा सहित कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है,जहां आगे बढ़ने के विकल्प न हों। इसमें तकनीक का भी अहम रोल रहा। उन्होंने कहा की जहां चुनौती होती है वहां अवसर भी होते हैं,जहां समस्या होती है वहां उसके समाधान भी निहित होते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज विश्व भारत की ओर देख रहा है। कोविड के बाद भारत ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के दम पर दुनिया को नेतृत्व की क्षमता का परिचय करवाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा है कि 21वीं सदी उत्तराखण्ड की होगी। विधानसभा अध्यक्ष ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के विकास का संकल्प लेकर हमें तकनीकी के बल पर कार्य करना होगा। यहाँ की जल विद्युत परियोजनाएं, ऑर्गेनिक खेती,पयर्टन,तीर्थाटन,साहसिक गतिविधियों के साथ-साथ हर क्षेत्र में विकास की कहानी लिखते हुए इस धरती को हरियाली, खुशहाली और समृद्धि की ओर ले जाना होगा।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी पुरातन सभ्यता,संस्कृति,आयुर्वेद,योगा को कदापि नहीं भूलना चाहिए,यह उत्तराखण्ड की अलग पहचान है जो हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखती है।
इस अवसर पर संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर बी.एस नेगी, इंटरनेशनल एक्सपर्ट डॉ मारिया टेरेस,डॉ जोसलीन,डॉ एवगेनिया ज़हारिकोवा,डॉ अरुण कौशिक,डॉ संजीव सक्सेना,डॉ अमित,डॉ अमित कुमार,डॉ रियाज़ कुरैशी,डॉ अखिलेश पांडेय,डॉ कविता खन्ना सहित अन्य लोग उपस्थित थे।