कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार कुंभ में पहाड़ से आई अलौकिक देव डोलियों ने प्रतीकात्मक स्नान किया। हरि की पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर देव डोलियों को गंगा स्नान कराया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की अपील पर गंगा स्नान प्रतीकात्मक हुआ। इस दौरान बेहद सीमित संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
उत्तराखंड में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते और हरिद्वार कुंभ में कोरोना के चलते कई साधु-संतों के संक्रमित होने के बाद इस बार देव डोलियों का गंगा स्नान प्रतीकात्म हुआ। पहाड़ से लाई गई पांच देव डोलियों को हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर रविवार सुबह स्नान कराया गया। इससे पहले पूरे राज्य से इस बार लगभग 250 से अधिक देव डोलियों को 25 अप्रैल यानि आज गंगा स्नान करना था। जिसमें 50 से 60 हजार लोगों को सम्मिलित होना था। लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की अपील और कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते खतरे के कारण इनकी संख्या को बेहद सीमित कर दिया गया था।
हरकी पैड़ी ब्रह्मकुण्ड पहुंचने पर पुलिस उपाधीक्षक, अखाड़ा प्रबोध घिल्डियाल आदि ने देवडोलियों पर पुष्प वर्षा की। यहां पर श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह गांववासी, हरिद्वार संयोजक महंत अनिल गिरि, सहसंयोजक मुकेश जोशी की मौजूदगी में देवडोलियों की पारंपरिक विधि-विधान से पूजा अर्चना की गयी। इसके बाद बद्रीविशाल, सुरकंडा देवी, मां धारीदेवी, घड़ियाल देवता आदि के जयकारे लगाते हुए देव डोलियों को भक्तों और आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने गंगा स्नान कराया। स्नान अवसर पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने भी ब्रह्मकुंड पर देवडोलियों का पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
शाही स्नान करने के पश्चात देवडोलियां सी0सी0आर0 होते हुये पुलिस संचार बेस कैम्प पहुंची। जहां पर देवडोलियों का भव्य स्वागत कार्यक्रम मेला प्रशासन और मेला पुलिस प्रशासन की ओर से आयोजित किया गया। मेलाधिकारी दीपक रावत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुंभ जन्मेजय खंडूड़ी, महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद जी ने संचार बेस कैम्प में देवडोलियों का माल्यार्पण और पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि पूर्व में हमारी इस कार्यक्रम को वृहद रूप में करने की योजना थी, जिसमें 250 के लगभग देव डोलियों को प्रतिभाग करना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते प्रतीकात्मक रूप में देवडोलियों के शाही स्नान की व्यवस्था कराई गई। उन्होंने आयोजन से जुड़े सभी लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भविष्य में जब हम इस महामारी से ऊबर जाएंगे, तो इसे भव्य और दिव्य रूप से आयोजन कराने में वह.स्वयं किसी न किसी रूप में सहभागिता करेंगे और हर.सहयोग प्रदान करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद ने कहा कि भारत की धार्मिक विरासत बहुत समृद्ध और विश्वव्यापी है। इन परंपराओं को और मजबूती देकर पूरे विश्व में देवडोलियों की पताका को फहराने की जरूरत है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गांववासी अध्यक्ष झालीमाली देवी आश्रम, क्यूकालेश्वर पौड़ी गढ़वाल ने कहा कि देव डोलियों के शाही स्नान की परंपरा सनातन धर्म का प्रतीक हैं। इसे लोक संस्कृति और धार्मिक आस्था को आगे बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। कोविड महामारी के चलते इसे प्रतीकात्मक स्वरूप देकर शाही स्नान के लिए देव डोलियां हरिद्वार में आई हैं। भविष्य में कोविड की मुक्ति के पश्चात इसे और भव्य रूप प्रदान किया जाएगा। उन्होंने देव डोलियों के शाही स्नान के आयोजन में सहयोग के लिये मेलाधिकारी दीपक रावत, आई0जी0 कुम्भ संजय गुंज्याल, मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित मीडिया की सकारात्मक भूमिका की सराहना की। इस मौके पर जागर का भी आयोजन किया गया।
देव डोलियों के स्वागत कार्यक्रम का संचालन हरिद्वार संयोजक महंत अनिल गिरि ने किया। इस अवसर पर उप मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, पुलिस उपाधीक्षक प्रकाश देवली, सेक्टर मजिस्ट्रेट योगेश सिंह मेहरा, संस्थापक विद्यादत्त रतूड़ी, मनोज रसिक, वंशीधर पोखरियाल, रमेश पैन्यूली, ज्योति सिंह सजवाण, संजय शास्त्री, स्वामी प्रकाशानंद जी, श्रीमती द्वारिका बिष्ट, श्रीमती रूक्मिणी, आशुतोष गिरि, मुकेश कोठियाल, देवेन्द्र दत्त कोठियाल, आदेश गिरि, भगवान सिंह रांगड़, डी0एल0 गुसांईं, सुरवीर सिंह मटुड़ा सहित सम्बन्धित अधिकारीगण, पदाधिकारीगण, श्रद्धालुगण मौजूद थे। स्वागत कार्यक्रम के बाद देवडोलियां अपने धाम को प्रस्थान कर गईं।