सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन,गुरुवार को दिल्ली लाया जाएगा पार्थिव शरीर

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देश सहित उत्तराखंड के लिए बहुत ही दुःखद खबर है। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत,उनकी,पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य अफसरों और सहयोगियों का तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया है। भारतीय वायुसेना ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत,उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत की पुष्टि की है। हादसे में वायुसेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की ही जान बची है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बताया जा रहा हैं कि जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा भारतीय वायुसेना का एक हेलिकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह हादसा कोहरे और खराब मौसम की वजह से वायुसेना का एमआई-17वीएच हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हादसे के कारण का पता लगाने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दिए गए हैं। हेलीकॉप्टर ने कोयंबटूर के पास सुलुर वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी।

वायुसेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ”बहुत ही अफोसस के साथ अब इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत,श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है।” 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत पर बुधवार को शोक प्रकट किया और उन्हें उत्कृष्ट सैनिक और सच्चा देशभक्त करार दिया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा कि पहले रक्षा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विभिन्न आयामों पर काम किया और उनके आधुनिकीकरण में बहुत योगदान दिया. 

उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर दुर्घटना से मैं बहुत दुखी हूं, जिसमें हमने जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को खो दिया. उन्होंने अत्यंत कर्मठता से भारत की सेवा की. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘जनरल रावत एक उत्कृष्ट सेनिक थे. एक सच्चे देशभक्त के रूप में उन्होंने सुरक्षा तंत्र और हमारे सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में बहुत बड़ा योगदान दिया. रणनीतिक मामलों में उनकी दूरदृष्टि असाधारण थी. उनके निधन ने मुझे गहरा सदमा पहुंचाया है.’’ 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने रक्षा सुधारों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित विभिन्न आयामों पर काम किया. उन्होंने कहा, ‘‘भारत कभी उनकी असाधारण सेवा को नहीं भूलेगा.’’ 

उत्तराखंड के पौड़ी में 16 मार्च 1958 को पैदा हुए रावत 1978 में सेना में शामिल हुए थे। जनरल बिपिन रावत ने 17 दिसंबर 2016 को जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में भारतीय सेना की कमान संभाली थी। 1 जनवरी 2020 को देश में पहली बार CDS सीडीएस की नियुक्ति हुई थी और जनरल बिपिन रावत को सबसे पहले इस अहम पद की जिम्मेदारी दी गई। 

सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर मुख्यमंत्री धामी ने व्यक्त शोक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत,उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जरनल रावत के आकस्मिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखण्ड के छोटे से गांव में हुई। वे अपनी विलक्षण प्रतिभा,परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखण्ड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा।