कांग्रेस की मूर्धन्य नेता,एक अनूठा व्यक्तित्व,संसदीय विधा की मर्मज्ञ इंदिरा हृदयेश का निधन,पीएम मोदी,योगी आदित्यनाथ,सीएम तीरथ रावत सहित कई नेताओं ने जताया शोक

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उत्तराखंड कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश का दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। आज सुबह उत्तराखंड सदन में नेता प्रतिपक्ष की अचानक तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।  जहां उनका निधन हो गया। इंदिरा हृदयेश का निधन कांग्रेस पार्टी खासकर उत्तराखंड कांग्रेस के लिए बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ,मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के शोक व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश के निधर पर शोक व्यक्त करते हुए  ट्वीट करते हुए लिखा है कि डॉ.इंदिरा हृदयेश जी कई सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे थीं। उन्होंने एक प्रभावी विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी था। उनके निधन से दुःखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखण्ड विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष श्रीमती इंदिरा हृदयेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री योगी ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वरिष्ठ राजनेता और उत्तराखण्ड में नेता प्रतिपक्ष डा.इंदिरा हृदयेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा हृदयेश ने पिछले चार दशक से यूपी से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बङी भूमिका निभाई। वे एक कुशल प्रशासक, वरिष्ठ राजनीतिज्ञ व संसदीय ज्ञान की जानकार थीं।मुख्यमंत्री ने कहा कि “स्व० इंदिरा हृदयेश जी से मेरा परिचय दशकों पुराना रहा है। उनसे सदा मुझे बड़ी बहन जैसी आत्मीयता मिली। विधानसभा में जनहित के मुद्दे उठाने में वे सदा अग्रणी रहती थीं। मैं इस कठिन समय में उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति अपनी सांत्वना व्यक्त करता हूँ।”

डॉ इंदिरा हृदयेश के निधन पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने गहरा दुःख व्यक्त करते हुए  कहा कि डॉ इंदिरा ह्रदयेश ने अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में कई पदों को सुशोभित किया है। उनके निधन को उन्होंने राज्य की बड़ी क्षति के साथ अपनी निजी क्षति भी बताया। उन्होंने माँ गंगा से  दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर उनके परिजनों को इस असहनीय दु:ख को सहने की शक्ति दें के लिए प्रार्थना की है।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट में लिखा दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करता हूँ और परमपिता परमेश्वर से विनती करता हूँ कि वो इन्दिरा बहिन जी की आत्मा को अपने श्री-चरणों में स्थान दें। दुःख की इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएँ  उनके समस्त परिवार के साथ हैं। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष की नेता इंदिरा हृदयेश के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि वह कांग्रेस की सच्ची सेवक थी और जीवन के आखिरी क्षण तक पार्टी के लिए सेवारत रहीं। श्रीमती गांधी ने यहां जारी अपने शोक संदेश में कहा, “डॉ इंदिरा हृदयेश ने अपने जीवन की आखिरी सांस तक कांग्रेस की सेवा की और एमएलए, एमएलसी, मंत्री तथा विपक्ष के नेता के रूप में सेवाएं देकर जनसेवा की विशाल विरासत को छोड़ा है। इन सबसे बड़ी बात यह थी कि उन्होंने आजीवन कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम किया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला। आज हमने एक जुझारू नेता, जनप्रिय प्रतिनिधि एवं अभिभावक को खो दिया। ईश्वर उनको श्रीचरणों में स्थान दें एवं इस दुख की घड़ी में परिजनों को कष्ट सहने का साहस दें।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इंदिरा हृदयेश के निधन पर शोक जाहिर करते हुए लिखा, उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी की एक मज़बूत कड़ी, डॉ इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला। वे अंत तक जन सेवा एवं कांग्रेस परिवार के लिए कार्यरत रहीं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंदिरा हृदयेश के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी फेसबुक पेज पर लिखा है। “इंदिरा हृदयेश जी नहीं रही, सहसा इस समाचार पर विश्वास नहीं होता। कल तक हम साथ थे, कांग्रेस को उत्तराखंड में कैसे मजबूत किया जाए उसके लिए विचार विमर्श कर रहे थे, कार्य योजना बना रहे थे और अभी-अभी खबर आई है कि क्रूर काल ने इंदिरा हृदयेश जी को हमसे छीन लिया है। कांग्रेस की मूर्धन्य नेता, एक अनूठा व्यक्तित्व, संसदीय विधा की मर्मज्ञ, संघर्षरत जनता व शिक्षकों की आवाज, हल्द्वानी व उत्तराखंड की जनता की एक लगनशील सेविका और कांग्रेस की शीर्ष नेता इंदिरा हृदयेश जी, उनका जाना हम सबके लिए बहुत दु:खद है। उनके रिक्त स्थान को कोई नहीं भर सकता है। इंदिरा हृदयेश जी आप लोगों को हमेशा बहुत याद आएंगी, आपने जो अविस्मरणीय कार्य अपने मंत्रितत्वकाल में किये हैं। जिस तरीके से उत्तर प्रदेश की विधान परिषद हो या शिक्षा जगत हो उसके लिए शिक्षक नेत्री के रूप में किया है। उसे कौन भुला सकता है। हल्द्वानी की विकास की आप माँ हैं। एक विकास की माँ चली गई। कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि किन शब्दों में आपको मैं श्रद्धांजलि अर्पित करूं, किन शब्दों में आपके परिवार को, हम सब भी आपके परिवार हैं, हम एक-दूसरे को संवेदना प्रेषित करें। भगवान को शायद यही मंजूर था कि आप हमको मझधार में छोड़कर के चले गई। जिस समय कांग्रेस को आपसे मार्गदर्शन की सबसे अधिक आवश्यकता थी। उस समय आपका जाना बहुत कष्ट दे गया। इंदिरा जी आपका आशीर्वाद, हमेशा उत्तराखंड के कांग्रेसजनों के साथ रहेगा इसका मुझे पूरा विश्वास है। मैं, अपने और अपने परिवार की ओर से, अपने कांग्रेस परिवार व अपने उत्तराखंड के भाई-बहनों की ओर से, आपके लाखों प्रशंसकों जिनमें एक मैं भी हूं, आपको श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। भगवान, आपको अपने श्रीचरणों में स्थान दें। “ॐ शांति, ॐ शांति”

इंदिरा हृदयेश के राजनीतिक सफर

7 अप्रैल 1941 में जन्मी इंदिरा हृदयेश ने इंदिरा हृदयेश 1974 में उत्तर प्रदेश के विधान परिषद में पहली बार चुनी गईं जिसके बाद 1986, 1992 और 1998 में इंदिरा ह्रदयेश लगातार चार बार अविभाजित उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए चुनी गईं। साल 2000  में अंतरिम उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बनीं और प्रखरता से से उत्तराखंड के मुद्दों को सदन में रखा। सन् 2002 में उत्तराखंड में जब पहले विधानसभा चुनाव हुए तो हल्द्वानी से विधानसभा का चुनाव जीतीं और नेता प्रतिपक्ष बन विधानसभा पहुंचीं जहां उन्हें एनडी तिवारी सरकार में संसदीय कार्य लोक निर्माण विभाग समेत कई महत्वपूर्ण विभागों को देखने का मौका मिला। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का पार्थिव शरीर शाम 6 बजे हल्द्वानी लाया जाएगा और सोमवार सुबह 10 बजे उन्हें मुख्यग्नि दी जाएगी।