उत्तराखंड के स्कूलों में बच्चों को दिए जा रहे मिड डे मील में हंस फाउंडेशन के सहयोग से गुणवत्ता में हो रहा है लगातार सुधार

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मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को मध्याह्न भोजन योजना तथा राष्ट्रीय पोषण अभियान के अन्तर्गत बच्चों को दिये जाने वाले भोजन के मैन्यु की गुणवत्ता और मात्रा (क्वांटिटी) बढ़ाने के निर्देश दिये जिससे बच्चों को बेहतर पोषण उपलब्ध हो सके। उन्होंने सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से मध्याह्न भोजन योजना की लगातार मॉनिटरिंग करवाने को कहा।

उन्होंने मिड डे मील की गुणवत्ता और क्वांटिटी के संबंध में लोगों की फीडबैक और शिकायतों को प्राप्त करने के लिये टोल फ्री नं. 18001804132 का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा लोगों द्वारा प्राप्त होने वाली फिडबैक के अनुरूप इसमें व्यापक सुधार करने के निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने युसाटा (उत्तराखण्ड सोशल ऑडिट अकाउंटेबिलिटी एण्ड ट्रांसपेरेंसी ऐजेन्सी) की सोशल ऑडिट में सुझाये गये बिन्दुओं के अनुरूप सुधार करने और स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से नियमित रूप से बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने को निर्देशित किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को आपस में बेहतर समन्वय से कार्य करने और बच्चों को बेहतर पोषण व स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिये समय से खाद्य सामग्री की खरीद और पर्याप्त आपूर्ति करने को कहा।
 शिक्षा विभाग से अपर निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने इस दौरान उपस्थित सदस्यों के समक्ष मिड डे मील तथा राष्ट्रीय पोषण अभियान के अन्तर्गत बच्चों को दी जा रही सुविधाओं, योजना के बेहतर क्रियान्वयन, वित्तीय अपडेट तथा सत्रवार बच्चों की विद्यालय में उपस्थिति इत्यादि का प्रजेन्टेशन के माध्यम से विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को मिड डे मील प्रदान करने में लगातार बेहतर प्रयास किये जा रहे हैं तथा हंस फाउंडेशन के सहयोग के गुणवत्ता में लगातार सुधार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त फूड क्वालिटी टैस्ट, किचन गार्डन्स, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना जैसे अभिनव प्रयास भी किये जा रहे हैं, जिसका सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है।

मिड डे मील योजना के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में भारत सरकार से श्रीमती ऋतु अग्रवाल, एस.के. सिन्हा तथा अर्नव डाकी प्रतिनिधि के रूप में जुड़े हुए थे जिसमें से ऋतु अग्रवाल ने मिड डे मील योजना के क्रियान्वयन हेतु पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग मानक रखने का सुझाव दिया।
 इस दौरान मुख्य सचिव ने श्री अरविन्दो सोसाइटी द्वारा प्राइमरी बच्चों के अध्ययन को सुगम और आसान भाषा में ढालने हेतु निर्मित नवाचार पुस्तिका तथा Auro Scholar एप्प का विमोचन किया गया। इस दौरान सोसाइटी की संयोजक डॉ. सिमी महाजन ने अवगत कराया कि नवाचार पुस्तिका में उत्तराखण्ड के अनुभवी और समर्पित अध्यापकों के बेजोड़ अनुभव को संकलित करते हुए पुस्तक का रूप दिया गया है तथा इस पुस्तक को हर अध्यापक के पास पहुँचाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही Auro Scholar एप्प के माध्यम से कक्षा 1 से कक्षा 12 कक्षा के बच्चों के लिए 5 विषयों हेतु क्विज उपलब्ध रहेगी जिसमें प्रत्येक माह 1 विषय पर 4 क्विज दी जा सकेगी और 80 प्रतिशत से अधिक स्कोर करने वाले बच्चे के वॉलेट में 50 रू. आ जायेगा। इस तरह इससे बच्चे अध्ययन के प्रति अधिक प्रेरित होंगे, साथ ही अध्यापकों को भी बच्चों का बेहतर विश्लेषण करने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा बुनियादी साक्षरता और बालिकाओं के जीवन कौशल प्रशिक्षण को समर्पित Room to read  (रूम टु रीड) अंतर्राष्ट्रीय संस्था द्वारा निर्मित 15 रीडिंग कार्डस (बुकलेट) का भी विमोचन किया। इस सम्बन्ध में ‘रूम टु रीड’ की संयोजक पुष्पलता रावत ने अवगत कराया कि यह रीडिंग कार्ड्स उत्तराखण्ड की लोक कथा, परंपराओं तथा गढ़वाली, कुमाऊँनी, जौनसारी जैसी स्थानीय भाषाओं पर आधारित होने के चलते बच्चों की प्राथमिक शिक्षा के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
 इस दौरान मिड डे मील (मध्याह्न भोजन योजना) अनुश्रवण समिति में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पंचायती राज एच.सी सेमवाल, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, प्रताप शाह सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।