उत्तराखंड में चुनाव नतीजे आने से पहले भाजपा और कांग्रेस खेमे में निरंतर बैचेनी बढ़ती जा रही है। यह बैचेनी इस लिए भी ज्यादा बढ़ रही हैं कि तमाम एग्जिट पोलों में भाजपा और कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान दिखाया गया है। कई एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर दिखाई जा रही है।
इस सब के बीच भाजपा और कांग्रेस के बडे दिग्गज उत्तराखंड की सियासी पिच पर अभी से ही अपने-अपने मास्टरस्ट्रोक तैयार करने में लगे है। कांग्रेस ने अपने कई दिग्गजों को मैदान में उतार दिया हैं तो भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और राजनीति के रणनीतिकार राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतार दिया है।
उत्तराखंड में अभी भाजपा की सरकरा हैं और भाजपा आगे भी सरकार बनाने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। जिसके लिए पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की जोड़ी को हाईकमान ने पूरी छूट दे दी है। यही वजह भी हैं कि कांग्रेस के पिछले दो दिनों में डॉ.निशंक की उत्तराखंड में चुनाव लड़ रहे कई निर्दलीय प्रत्याशियों से मुलाकात हो चुकी है। इनमें यमुनोत्री से निर्दलीय चुनाव लड़े संजय डोभाल का नाम सुर्खियों में है। डोभाल पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक के संपर्क में बताए जा रहे हैं। इसी के साथ डॉ.निशंक और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुलाकात की है।
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय और रमेश पोखरियाल निशंक की इस रणनीति से कांग्रेस के भीतर खासी खलबली देखी जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर कांग्रेस के अन्य नेता भाजपा के इन नेताओं की सक्रियता से सर्तक है। जिसका परिणाम हैं कि कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के कई क्षत्रपों को मोर्चे पर उतार दिया। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल के अनुमानों में इस बार 5 से 6 तक निर्दलियों के जीत कर आने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में यदि भाजपा को जीत के लिए कुछ आंकड़ कम पड़ता हैं,तो बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए भाजपा पहले ही सभी समीकरणों को साधने में जुट गई है।