हनुमान जयंती पर विशेषः-चीन और तिब्बत में हनुमान जी की शक्तियों की खोज

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कमल किशोर डुकलान

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।

  अस बर दीन्ह जानकी माता।”

  ”चारों जुग परताप तुम्हारा,

  हे प्रसिद्धि जगत उजियारा॥”

आज पवन सुत वीर बजरंगी हनुमान जयंती है उन्हें बुद्धि व विद्या का प्रतीक माना जाता है। अगर देखा जाए तो इस कलियुग में हनुमान जी को देवताओं में सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माना जाता है। हनुमान जी को योग की अणिमा,महिमा,लघिमा,गरिमा, प्राप्ति,प्रकाम्य,इशीता,वशीकरण अष्ट सिद्धियां प्राप्त थी। इन आठ सिद्धियों में हनुमान जी के पास लघिमा ऐसी शक्ति थी जिसके माध्यम से उड़ा जा सकता था। हनुमान जी ने महिमा और लघिमा इन दो शक्तियों के बल पर सीता की खोज में समुद्र पार कर गए था।योग के द्वारा शरीर और आकाश के संबंध में संयम करने से हलकी रुई जैसे पदार्थ की धारणा से आकाश में गमन करने की शक्ति हनुमान जी को प्राप्त थी। वे यम और नियम का पालन करते थे। रामायण या रामचरित मानस में लांघना शब्द का प्रयोग हुआ है। जिसका अर्थ तैरना, कूदना या छल्लांग लगाना नहीं है। लांघने का अर्थ है एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने की क्रिया या वेग से पार करना।

हनुमान जी ने योग के यम नियम से प्राप्त वेग से समुद्र पार किया था। उनकी उड़ान शक्तियों के परिचय में पांच प्रमुख घटनाएं ध्यान में आती हैं।

1-पहली घटना बचपन में हनुमान जी सूर्य को फल समझकर आकाश में उड़ने चले गए थे।

2-दूसरी घटना सीता खोज में हनुमान जी लंका को पार करने गए और वापस आए।

3-तीसरी घटना हनुमान जी द्वारा लंका दहन किया गया।

4-चौथी घटना लक्ष्मण के मूर्छित होने पर हनुमान जी द्वारा द्रोणाचल पर्वत से संजीवनी बूटी लेकर आना।

5-पांचवीं घटना पाताल लोक से राम और लक्ष्मण को अहिरावण से छुड़वाकर वापस लाना।

हनुमान जी को जामवंत के याद दिलाने पर अपनी उड़ने की शक्तियों का भान हुआ तो वे एक जगह रुककर समुद्र को पार कर गए।

हनुमान जी की लघिमा शक्ति प्रणाली का उल्लेख चीन के उन दस्तावोजों में मिलता है, जिसको लेविटेशन पॉवर नाम दिया गया है।जो एक तंत्र विद्या नहीं बल्कि ध्यान के अभ्यास से हासिल शक्ति है। यह ब्रह्मांडीय शक्ति है,जिसको करने के लिए यम,नियम और तप-ध्यान,साधना का पालन किया जाता है। हनुमान जी में इसकी शक्तियां निहित थी।आज चीन,तिब्बत जैसे देशों में हनुमान जी की उड़ने की शक्तियों पर वैज्ञानिक शोध किया जा रहा है।