भारत में त्योहारों का सबसे बड़ा सीजन चल रहा है। देश में दीपावली,गोवर्धन पूजा और भैया दूज जैसे लोक पर्वों की धूम है। पूरा देश इन त्योहारों को खुशियों के साथ मना सकें इस के लिए हमारे देश के जवान बॉर्डर पर अपनी जान कुर्बान कर देते हैं। इस कड़ी में जब हम अपने घरों को दीपावली की रोशनी से जगमगा रहे है,वही हमारे देश के जवान सरहद पर दुश्मनों को सबक सीखा रहे है।
भारत के सबसे बड़े त्योहारी सीजन में पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकत दिखाते हुए दीवाली के मौके पर उरी,नौगाम,पुंछ और देवार में सीज़फायर करते हुए इन क्षेत्रों में त्यहारों की खुशियां मना रहे भारत के निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया। जिसके बाद भारत ने ‘पाकिस्तान उच्चायोग के ‘चार्ज डी अफेयर्स’ को तलब कर,उनके समक्ष पाकिस्तान के सीजफायर का बेवजह उल्लंघन करने को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया।
पाकिस्तान की तरफ से हुए सीजफायर उल्लंघन में एलओसी पर 5 सुरक्षाकर्मियों सहति 11 अन्य लोगों की मौत हो गई है। त्योहारों के मौके पर पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से जान बूझकर की गई इस कायराना हरकत का भारत के जवानों ने मुंहतोड़ जवाह देते हुए। पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। भारत के जवानों ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिक मारे गए है। इसी के साथ पाकिस्तानी सेना के कई बंकर,फ्यूल डंप और आंतकी लॉन्च पैड भी तहस-नहस हो गए है। सैन्य सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना ने उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों और तोपों से पड़ोसी देश के कई ठिकानों को निशाना बनाया है। जिसमें पड़ोसी देश के सैनिक ठिकानों और आंतकी लॉन्च पैड को भारी नुकसान हुआ है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई बंकर,फ्यूल डंप और लॉन्च पैड तबाह कर दीपावली मनाई है।
भारतीय सेना ने इस पूरे ऑपरेशन का एक वीडियो भी जारी किया है। जिसमें साफ दिख रहा हैं कि भारतीय जवानों ने किस बाहदुरी से एलओसी के पार कई पाकिस्तानी ठिकानों और बंकरों को तहस-नहस किया है। भारत की तरफ से की गई यह जवाबी कार्रवाई इतनी जबरदस्त थी की इसमें दुश्मन देश के कई आंतकी ठिकाने आग की आगोश में साफ दिखाई दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसलमेर बॉर्डर से पड़ोसियों को दी चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष की तरह इस बार भी दिवाली मनाने सैनिकों के बीच पहुंचे। इस बार प्रधानमंत्री जैसलमेर बॉर्डर के लोंगेवाला पोस्ट पर बीएसएफ जवानों के साथ दीपावली मना पहुंचे। जहां से उन्होंने देश वासियों और जवानों के परिवारजनों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं आपके लिए हर भारतवासी की शुभकामनाएं और प्यार लेकर आया हूं। हर वरिष्ठजन का आशीष लेकर आया हूं। आप सभी का अभिनंदन हैं। आप मेरे मान,मेरे सम्मान है। आप बर्फीले पहाड़ियों में रहें या रेगिस्तान में,आपके चेहरों की रौनक देखकर मेरी दीपावली शुभ हो जाती है। रेगिस्तान हो, पहाड़ियां हों या जल की गहराई, आपकी वीरता हर चुनौती पर भारी पड़ी है। आज रेगिस्तान में डटे हैं, तो आपको हिमालय की ऊंचाई का भी अनुभव है। आपका पराक्रम और शौर्य अतुलनीय है। दुश्मन भी जानता है कि भारत के जवानों की कोई बराबरी नहीं। आज 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्हें अपने सैनिकों के शौर्य और अजेयता पर गर्व है। दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की रक्षा से न रोक सकती है और न टोक सकती है।
प्रधानमंत्री लोंगेवाल पोस्ट पर मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में 1971 में लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई को याद किया। जैसलमेर बॉर्डर पर स्थित यह वही लोंगेवाला पोस्ट है। जहां 1971 की लड़ाई सबसे पहले यहीं लड़ी गई थी और भारतीय सेना के वीर जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बैटल ऑफ लोगेंवाला’ को भारतीय सैन्य बल के साहस और शक्ति का प्रतीक बताते हुए,लोंगवाला का युद्ध को भारतीय सेना, बीएसएफ, वायुसेना के अद्भुत समन्वय का प्रतीक भी कहा।
राजस्थान के जैसलमेर बॉर्डर पर सैनिकों के साथ दिवाली मनाने पहुंच प्रधानमंत्री मोदी के साथ सीडीएस बिपिन रावत,आर्मी चीफ एम.एम नरवणे और बीएसएफ के डीजी रोकेश अस्थाना भी मौजूद रहे।
इस मौके पर सेना के जवानों के संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने चीन-पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि किसी ने हमें आजमाने की कोशिश की तो उसे प्रचंड जवाब मिलेगा। सीमाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा,लेकिन अगर कोई भारत को आजमाने की कोशिश करता है, तो जवाब भारी होगा।
जैसलमेर लोंगेवाला बॉर्डर का क्या है खास महत्व
जैसलमेर लोंगेवाल बॉर्डर वह खास जगह है,जहां 1971 में भारत,पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भारत की सेना ने पाकिस्तानियों को करारी शिकस्त दी थी। भारत के 120 वीर जवानों ने 40-45 टैंकों पर कब्जा करने आए 3000 पाकिस्तानी सैनिकों को सबक सिखाया था और पाकिस्तानी सेना के लोंगेवाला चौकी पर कब्जा करने की नापाक कोशिश में उसके 34 टैंक तबाह हो गए थे, 200 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। 4 दिसंबर 1971 की हुई इस जंग में हिंदुस्तान के वीर जवानों ने इस चौकी अपने हाथ से नहीं जाने दिया था। यहीं पर सुप्रसिद्ध तनोट माता का मंदिर भी यहीं पर है। इसी जगह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएसएफ जवानों के साथ दीपावली मनाई।
1971 में भारतीय सशस्त्र बलों ने ऐतिहासिक शौर्य और पराक्रम के चलते पाकिस्तान पर जीत हासिल की और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। 16 दिसंबर 2021 को इस गौरवशाली दिवस के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं और इसे स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके चलते दिसंबर, 2020 से 16 दिसंबर 2021 तक कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।