देश के 12 राज्यों से उत्तराखंड आने वालों यात्रियों को लानी होगी आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट,नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर होगी कार्रवाई

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देश भर में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले एक बार फिर से डरा रहे है। कई राज्यों में कोरोना वायरस के चलते स्थिति बिगड़ते हुए दिख रही है। जिसके बाद इन राज्यों में कोरोना के खतरे के बीच या तो लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है,या एक बार फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। उत्तराखंड में भी पिछले कई दिनों से कोरोना के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। हरिद्वार कुंभ को देखते हुए चिंतित होना लाजमी भी है। इस लिए उत्तराखंड सरकार ने अब सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए है। कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है।

उत्तराखंड सरकार ने देश के 12 राज्यों से आने वाले यात्रियों से उत्तराखंड आने के दौरान अपने साथ कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाने को कहा है। यह व्यवस्था एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। यह स्पष्ट किया गया है कि यह रिपोर्ट उत्तराखंड आने से पहले के 72 घंटे से अधिक अवधि की नहीं होनी चाहिए।

आप यदि महाराष्ट्र,केरला,पंजाब,कर्नाटका,छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश, तमिलनाडु,गुजरात,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,दिल्ली और राजस्थान से उत्तराखंड आ रहे हैं तो आपके पास आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट होना जरूरी है। वह भी 72 घंटे से अधिक अवधि की नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं पाया गया तो 1 अप्रैल से आप उत्तराखंड में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।

जो यात्री बाई रोड, ट्रेन और एयर तीनों प्रकार की यात्रा से उत्तराखंड पहुंचेगे उनकी,आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट देखने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया जाएगा। यह भी सुनीचित किया गया हैं कि सरकार द्वारा बनाई गई गाइड लाइन का जो भी उल्लंघन करेगा उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 और महामारी एक्ट 1897 के तहत मुकदमा भी दर्ज हो सकता है।

इसी के साथ सरकार ने 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों,गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीजों,गर्भवती महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चों को अन्य राज्यों से उत्तराखंड में नहीं आने की सलाह दी है। साथ ही प्रत्यके जिलें के जिलाधिकारियों को एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन और बॉर्डर चेक पोस्ट पर कोविड-19 टेस्ट कराए जाने के निर्देश दिए गए है।